चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।
ऐ खुदा बस एक ही ये काम मेरे नाम लिख दे वतन वतन के हिस्से में उम्र मेरी यह तमाम लिख दे।
खुद बन कर चंडी, कर इनका संहार, निर्भया ने जाते-जाते, यह बता दिया, उसकी गहरी नींद ने, सबको जगा दिया।
सियार-भेडियों से डर सकती सिहों की ऐसी औलाद नहीं, भरतवंश के इस पानी की है तुमको पहचान नही|
Majboor hui ab dil ki duaa Toh humne dawaa se kaam liya Wo nabz nahin phir thamne di Jis nabz ko humne thaam liya